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Sunday, July 24, 2022

अंदरूनी दुश्मन

दुश्मनो मे इतना दम नही

के हमे बदनाम कर दे ।

हमारा सुख चैन छिन के

हमे परेशान कर दे ।

पर कमबख्त

अपनों ने दो पल में ही वो कसर पूरी कर दी।

✒ K. Satish




Monday, June 20, 2022

घुंगट की आड से

घुंगट की आड से यूँ

छुप छुप के ना हमे देखा करो,

दीदार तेरा करने के लिए

हम भी बडे बेचैन है ।

✒ K. Satish



Friday, June 17, 2022

चाँद भी शर्मिंदा है ।

चाँद की रोशनी से सारे तारे चमक उठे,

वह देख दिल की गहराई ने कहा, उफ क्या हँसी नजारा है ।

पर तेरे आने से फिजा में जो रौनक आई है,

उसे देखकर चाँद भी शर्मिंदा है ।

✒ K. Satish


 

कर्तृत्व

कर्तृत्व असे नसावे की, जे स्वतःच्या तोंडून सांगावे लागेल   कर्तृत्व असे असावे की, जे लोकांना दिसावे व त्यांनीच त्याची चर्चा करावी ✒ K. Satis...