Friday, June 17, 2022

चाँद भी शर्मिंदा है ।

चाँद की रोशनी से सारे तारे चमक उठे,

वह देख दिल की गहराई ने कहा, उफ क्या हँसी नजारा है ।

पर तेरे आने से फिजा में जो रौनक आई है,

उसे देखकर चाँद भी शर्मिंदा है ।

✒ K. Satish


 

No comments:

Post a Comment

कर्तृत्व

कर्तृत्व असे नसावे की, जे स्वतःच्या तोंडून सांगावे लागेल   कर्तृत्व असे असावे की, जे लोकांना दिसावे व त्यांनीच त्याची चर्चा करावी ✒ K. Satis...